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एसएमसी नीति 2009 में बदलाव से ही नियमित हो सकेंगे 2555 शिक्षक
प्रदेश के सरकारी स्कूलों में नियुक्त 2555 एसएमसी शिक्षकों को नियमित करने के लिए सरकार को एसएमसी नीति 2009 में बदलाव करना होगा। नियमित शिक्षकों की नियुक्तियों से एसएमसी शिक्षकों को बदलने की सुप्रीम कोर्ट ने बीते दिनों सुनाए अपने फैसले में व्यवस्था दी है। सुप्रीम कोर्ट के फैसले की विस्तृत जानकारी मिलते ही शिक्षा विभाग ने इस बाबत मंथन शुरू कर दिया है। संभावित है कि इस मामले को मंत्रिमंडल की बैठक में लाया जा सकता है।
बीते दिनों सुप्रीम कोर्ट ने प्रदेश में स्कूल प्रबंधन कमेटी के तहत नियुक्त शिक्षकों की भर्ती निरस्त करने के प्रदेश हाईकोर्ट के फैसले को दरकिनार कर दिया था। जस्टिस यूयू ललित, जस्टिस विनीत शरण और जस्टिस एस रवींद्र भट्ट की पीठ ने सरकार और पीरियड बेस एसएमसी शिक्षक एसोसिएशन की हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ दायर विशेष अनुमति याचिका स्वीकार की थी।
शीर्ष कोर्ट ने एसएमसी शिक्षकों की भर्ती संबंधी सरकार की नीति को सही ठहराया है, लेकिन इस नीति में सरकार एसएमसी शिक्षकों को नियमित नहीं कर सकती है। सरकार ने स्टॉप गैप अरेंजमेंट के लिए नीति बनाई है। ऐसे में अगर सरकार एसएमसी शिक्षकों को नियमित करने के पक्ष में है तो इसके लिए 2009 की नीति को बदलना होगा। इस नीति के तहत नियमित शिक्षकों के नहीं आने तक एसएमसी शिक्षकों की सेवाएं जारी रहेंगी। अगर इनकी जगह नियमित शिक्षक की नियुक्ति होती है तो एसएमसी शिक्षक की सेवाएं समाप्त हो जाएंगी।
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